
स्वस्थ्य शरीर ही हमारे जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है। अगर हमारा शरीर पूरी तरह से स्वस्थ्य है, तो हम अपने जीवन का भरपूर आंनद लें सकते है। लेकिन आज के समय में हमें ये देखने को मिल रहा है, कि हर दूसरा व्यक्ति किसी ना किसी रोग से ग्रसित है। जो कि बड़े दुख की बात है।
अब सवाल ये उठता है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है। दरअसल आज की बदलती जीवनशैली और खान- पान इसके जिम्मेदार है। समय पर ना उठना, देर रात तक जागना, समय पर खाना ना खाना, अधिक मात्रा में जंग फूड खाना तथा नशीलें प्रर्दाथों का सेवन करना आदि।
ये सब आदतें आज लगभग हर व्यक्ति के जीवन में है और यहीं कारण है कि आज हमारा शरीर जल्दी अस्वस्थ हो जाता है। इसलिए हर व्यक्ति को एक अच्छी जीवन- शैली को अपनाना चाहिए और संतुलित आहर का सेवन करना चाहिए। परंतु कुछ ऐसे भी होते है जो जंग फूड से परहेज तो करते है, लेकिन वो ये सोचते है कि कभी-कभी थोड़ा सा खा लेनें से कुछ नहीं होता।
तो जो लोग ऐसा सोचते है वो ये जान लें कि एक छोटी सी दवा हमारे रोग को ठीक करती है तो थोड़ा सा गलत खान-पान हमारे शरीर पर कितना असर डाल सकता है। इसलिए अगर आप अपने जीवन को स्व्स्थ बनाना चाहते है। तो अपने खान पान पर विशेष ध्यान रखें।
ये सब जानकारी देना महत्वपूर्ण इसलिए था क्योंकि आज इस लेख में हम बवासीर Piles रोग के बारें में आपको जानकारी देंगे। चूंकि बवासीर अनुचित आहार- विहार के कारण होती है। अगर आप बवासीर के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में जानकारी लेना चाहते है तो हमारे साथ लेख के अंत तक बने रहें।
बवासीर क्या है- Bwasir Kya Hai
बवासीर को आयुर्वेद में अर्श कहा जाता है। अंग्रेजी में इसे पाइल्स ( piles) और Hemorrhoids कहा जाता है। बवासीर मलद्वार में हाने वाला रोग है। यह एक पीड़जनक बिमारी है। इस बिमारी में व्यक्ति असहाय हो जाता है। बवासीर स्त्री- पुरुष दोनों को प्रभावित करती है। जो व्यक्ति बवासीर का शिकार हो जाता है। उसके मन में ये भावना आ जाती है कि उसकी इस बिमारी के बारें में जानकर लोग उससे घृणा करने लगेगें। चूंकि यह बिमारी मलद्वार में होती है,
तो इसलिए रोगी शर्म महसूस करता है और किसी को भी अपनी इस बिमारी के बारे में नहीं बता पाता। कई बार रोगी डॉक्टर के पास जाने में भी शर्मता है। यहीं रोगी की सबसे बड़ी गलती होती है। क्योंकि शर्माने और छुपाने के चक्कर में ये बिमारी बढ़ जाती है। इसलिए जिस भी रोगी को यह रोग है वो ऐसी लापरवाही ना करें। चलिए अब आपको बवासीर के प्रकार के बारे में जानते है।
बवासीर कितने प्रकार की होती है- Bwasir ke Parkar
बवासीर को अलग- अलग तरह से प्रभाषित किया गया है। लेकिन हम आयुर्वेद के अनुसार बवासीर को प्रभाषित करेंगे। आयुर्वेद के अनुसार बवासीर दो प्रकार की होती है। खुनी बवासीर और बादी बवासीर। लेकिन कुछ लोग ऐसे होगें जिन्होनें भगन्दर बवासीर का नाम सुना होगा, चलिए फिर खुनी, बादी और भगन्दर बवासीर के बारें में आपको विस्तार से बताते है।
खुनी बवासीर-खुनी बवासीर में रोगी को दर्द का अनुभव नहीं होता बल्कि मलत्यागते समय खुन निकलता है। इसमें मलद्वार के अंदर मस्सा हो जाता है और जब रोगी मलत्याग करता है तो ये मस्से बाहर आने लगते है। मलत्यागने के बाद ये अपने आप अंदर चले जाते है। लेकिन जब यह पुराना हो जाता है तो मस्सा बाहर आ जाता है और फिर यह हाथ से दबाने पर भी अंदर नहीं जाते।
बादी बवासीर– कुछ लोग ऐसा सोचते है कि पेट खराब होने की वजह से बवासीर होती है, लेकिन ऐसा नहीं है बल्कि बादी बवासीर के कारण रोगी का पेट खराब होता है, कब्ज गैस बनती है। इसमें रोगी को मलद्वार में असहनीय दर्द, जलन, खुलजी होती है। बादी बवासीर में मलत्यागते समय दर्द होता है। इसमें मस्से मलद्वार के बाहर आसानी से देखे जा सकते है।
भगन्दर बवासीर – यदि किसी व्यक्ति को काफी समय से बवासीर है तो उसकी बवासीर भगन्दर बवासीर की श्रेणी में आयेंगी। इसे अंग्रेजी में फिस्टुला कहते है। भगन्दर बवासीर की आखरी स्टेज होने पर यह कैंसर का रुप लेता है। जिसे रिक्टम कैंसर कहते है। यह रोगी के लिए जानलेवा साबित होता है।
बवासीर के लक्षण- Bwasie k Lakshan
बवासीर के लक्षण हर व्यक्ति के एक जैसे हो ये जरुरी नहीं है। कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार है।
- मलत्याग करते समय रक्त निकलना
- मल करते समय दर्द होना
- मलद्वार में खुजली, जलन होना
- मलत्यागने की इच्छा बार-बार होना लेकिन त्यागते समय मल का ना निकलना
- मल करने के बाद पेट साफ ना होने का अहसास होना
बवासीर के कारण- Bwasir ke Karan
- मलत्यागते समय ज्यादा जोर लगाने से
- ज्यादा मसालेदार खाना खाने से
- ज्यादा समय तक कठोर कब्ज रहने पर
- पाचन क्रिया के सही नहीं होने पर
- वंशानुगत
- वजन बढ़ने पर
- गैस की समस्या होने पर
- ज्यादा लाल मिर्च का सेवन करने से
- एनल सैक्स भी बवासीर की एक वजह हो सकती है।
बवासीर का आयुर्वेदिक इलाज- Bwasir ka Ayurvedic Ilaj
बवासीर के असहनीय दर्द को सहन ना कर पाने के कारण रोगी ऑपरेश्न की तरफ भागता है। रोगी सोचता है कि ऑपरेश्न करवाने से उसकी बवासीर ठीक हो जाएगी। लेकिन ऐसा बहुत कम मामलों में हो पाता है। हमारे पास ऐसे मरीज भी आते है जो ये बोलते है कि ऑपरेश्न करवाने के बावजूद भी उनकी बवासीर ठीक नहीं हो पा रही है। इसलिए रोगी को जल्द बाजी में ऑपरेश्न नहीं करवाना चाहिए।
सबसे पहले तो हम आपको ये सलाह देना चाहगें की आप बवासीर के शुरआत में ही सही से बवासीर का इलाज करवा लें, देरी बिल्कुल भी ना करें। ऐसा करने से आप जल्द ही बवासीर से छुटकारा पा सकते है। अगर आप भी किसी भी प्रकार की बवासीर को झेल रहे है। तो अब आपको एक प्रतिशत भी चिंता करने की जरुरत नहीं है क्योंकि अमन आयुर्वेदिक क्लिनिक बवासीर के लिए बैस्ट क्लिनिक है।
आपकी बवासीर 7 दिन में जड़ से खत्म हो जाएगी। बवासीर का इलाज Piles Treatment in Panipat आयुर्वेदिक पद्धति एंव क्षार सूत्र द्वारा किया जाता है। इसलिए साइड इफैक्ट का डर भी अपने मन से निकाल दें। देरी ना करते हुए चलें Aman Clinic अमन क्लिनिक।
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