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शुक्राणु की संख्या बढ़ाने का सबसे अच्छा आयुर्वेदिक इलाज ।

आज के समय में शुक्राणुओं की कमी काफी पुरुषों में पायी जाती है। पुरुष के लिंग Penis से निकलने वाले वीर्य में पाए जाने वाले शुक्राणु की मात्रा जब कम हो जाए। तो उसे शुक्राणु की कमी कहा जाता है। जिसकी वजह के पुरुषों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शुक्राणु हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरुरी होते है।

यह हमारे जीवन में एक बहुत महत्वपूर्ण रोल अदा करते है। शुक्राणुओं की संख्या में कमी होने का सबसे बड़ा नुकसान यह होता है कि पुरुष शुक्राणुओं की ज्यादा कमी होने के कारण पिता नहीं बन पाता। शुक्राणु की कमी होने को ओलिगोस्पर्मिया Oligospermia भी कहा जाता है। वीर्य में शुक्राणुओं का पूरी तहर से खत्म होना एजुस्पर्मिया Eduaspermia कहलाता है।

वीर्य में शुक्राणु की संख्या कितनी होनी चाहिए ।

एक पुरुष के वीर्य में सामान्य तौर पर शुक्राणु की संख्या 15 मिलियन Million शुक्राणु से 200 मिलिय से अधिक शुक्राणु प्रति मिलीलीटर तक होती है। यदि किसी पुरुष के 1 मिलीलीटर वीर्य में डेढ़ करोड़ से कम शुक्राणु है। तो उसके शुक्राणुओं की संख्या कम है

शुक्राणु तीन प्रकार के होते है. शुक्राणु तीन प्रकार के होते है। पहला सक्रिय यानि चुस्त शुक्राणु होता है। यह शुक्राणु बच्चे पैदा करने में पूरी तरह सक्षम होता है। दूसरा सुस्त शुक्राणु ये कभी कभी काम में आ जाते है। तीसरा होता है मरे हुए यानि डेड शुक्राणु ये किसी काम नहीं 

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किस वजह से वीर्य में शुक्राणु कम होते है ।

वैसे तो पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी होने के बहुत सारे कारण होते है, लेकिन सबसे बड़ा कारण है हस्तमैथुन Masturbation, इससे शुक्राणुओं की संख्या में कमी आ जाती है, हस्थमैथुन से शुक्राणुओं का काफी क्षय हो जाता है। Sexologist Near Me दूसरा कारण है. हमारा खान-पान जिससे पूरे शरीर में असर पड़ता है। इसके अलावा अधिक नशा करने वाले लोगों में भी शुक्राणुओं की कमी पायी गयी है।

शुक्राणु कम होने के लक्षण |

पुरुष बच्चे पैदा करने में असमर्थ होता है। हालाँकि, इस समस्या के कोई ख़ास लक्षण या स्पष्ट संकेत दिखाई नहीं देते हैं। कुछ मामलों में हार्मोन में असंतुलनता,फैला हुआ टेस्टिक्युलर नस या शुक्राणु के गुजरने में बाधा उत्पन्न करने वाला एक विकार संभावित रूप से चतावनी संकेतों का कारण बन सकता है।

कई बार यौन प्रक्रिया की समस्याओं के कारण भी शुक्राणुओं की कमी हो जाती है। कामेच्छा में कमी, स्तंभन दोष या नपुंसकता Impotence, वृषण Testes) में दर्द,सूजन या गांठ का होना या फिर क्रोमोसोम अथवा हार्मोन की असामान्यता भी शुक्राणु की कमी के लक्षण हो सकते हैं

शुक्राणु की कमी होने से कैसे रोका जा सकता है ।

  • किसी भी प्रकार के नशें से दूर रहें
  • वजन कम करें
  • गर्मी से बचें

शुक्राणु बढ़ाने के लिए हमारा आयुर्वेदिक उपचार |

अगर आपके अंदर भी शुक्राणुओं की कमी है या फिर आपके अंदर बिल्कुल भी शुक्राणु नहीं है। और आप शुक्राणु को बढ़ाने चाहते है तो हमारे यहां इसका इलाज Aman Clinic in Panipat में किया जाता है। हमारे द्वारा रोगी को उसकी स्थिति और उसकी जीवन शैली के आधार पर उपचार प्रदान किया जाता है। इसके अलावा हमारे द्वारा दिया जाने वाला उपचार आयुर्वेदिक होता है। जिसका कोई साइड इफैक्ट नहीं है। लेकिन एक बात पर आप जरुर ध्यान दें कि आप अपने डॉक्टर के साथ पूरी तहर से स्पष्ट और ईमानदार रहे। क्योंकि आप जो भी अपने डॉक्टर को बताते है। वह आपके डॉक्टर को उपचार करने में मदद करता है।

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